रविवार, 1 सितंबर 2013

टिकट को लेकर प्रदेश भाजपा में सुगबुगाहट, आहलुवालिया को लगा तगड़ा झटका गुवाहाटी,2 अक्टूबर। लोकसभा चुनाव की आहट सुनते ही असम प्रदेश भाजपा में टिकट के दावेदारों की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। कई युवा नेता टिकट के लिए अभी से जुगाड़ लगाने और बड़े नेताओं की चापलूसी में लग गए हैं। वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो कई बुजुर्ग नेताओं के टिकट छीनने की फिराक में लग गए हैं। खासकर पार्टी के चारों सांसदों की सीट पर युवाओं की नजर है। इनका कहना है कि इन बुजुर्ग नेताओं को अब संगठन का काम सौंप दिया जाए। पिछले दिनों पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता जयंत दास पार्टी छोड़ कर असम गण परिषद में इसलिए चले गए कि उन्हें पार्टी टिकट देने की गारंटी नहीं दे रही थी। दास के जाने से असम प्रदेश भाजपा प्रभारी एसएस आहलुवालिया को तगड़ा झटका लगा है। क्योंकि आहलुवालिया के आते ही पार्टी मेंे अगप के एक वरिष्ठ नेता अतुल बोरा शामिल हो गए थे। बोरा के आने से दिसपुर विधानसभा की सीट पार्टी के लिए सुरक्षित हो गई है। लेकिन बोरा के आने के बाद से दिसपुर सीट के दावेदार जयंत दास चाह रहे थे कि उन्हें गुवाहाटी लोकसभा सीट के लिए टिकट दिया जाए। पार्टी नेताओं ने बताया कि संसदीय सीटों पर पहले से जमे जमाए नेताओं और परंपरागत दावेदारों और युवा नेताओं के खिलाफ शीत युद्ध शुरु हो गई है। युवा दावेदार क्षेत्रों में जाकर जहां कार्यकर्त्ताओं को अपनी मजबूत दावेदारी के बारे में बता रहें हैं वहीं वर्तमान सांसद और पिछले चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार-प्रसार भी कर रहें हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि तीन बार लगातार नगांव सीट जीतने वाले राजेन गोहांई के खिलाफ पिछले दिनों किसी ने पूरे नगांव शहर में पोस्टर लगा दिया। इस पोस्टर में लिखा था- राजेन हटाओं भाजपा बचाओं। इसी तरह से गुवाहाटी, मंगलदै और शिलचर सहित तमाम संसदीय क्षेत्रों में युवा भाजपाई अपने बुजुर्ग दावेदारों के खिलाफ मुहिम चला रहें हैं। सूत्रों ने बताया कि कई युवा नेता वर्तमान सांसद विजया चक्रवर्ती से भी सीट छीनने के जुगाड़ में लगे हुए हैं। वहीं पार्टी के भितर इस बात पर जोरदार बहस चल रही है कि पिछले चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी को टिकट न देकर नए चेहरे को मौका दिया जाए। जबकि पूर्व में हार की मुंह खा चुके नेताओं को लगता है कि मोदी की लहर में इस बार उनका बेड़ा पार लग जाए। इसलिए हारे हुए प्रत्याशी भी टिकट के लिए अभी से जोर अजमाइश करने लगे हैं। इस संबंध में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि टिकट के लिए नेताओं की बीच जंग तो छीड़ गई है लेकिन वर्तमान सांसदों से टिकट छीनना संभव नहीं लगता है। क्योंकि पिछले महीने राज्य के दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने प्रदेश के नेताओं के सामने वर्तमान सांसदों को उसी सीट से लड़ने के बारे में साफ कर दिया था।

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