गुरुवार, 29 सितंबर 2011

ममत्व

: भट्टाचार्यअनुवाद : नीरज कुमार झापोखरि पड सँ हरभंगनि घर लौटि गेली। कछेर पर गामक लोक ठसमठस छल। पाइन मेंमाछ केतेक छै, इ गामक लोकनकि लेल कोनो मुद्दा नई छल, परंच पूरा गाम पानिउपछ में लागल छल, इ पैघ बात छलैक। हरभंगिया बेसी देरि पोखरक भीड पर ठाडिनइ भऽ सकैत छल। एक तऽ अबेर होई छलै दोसर गाभिन बकरिक चिंता।केहनो मजबूत जउर स बान्हि कऽ ओकरा रोकनाई संभव कहां छैक, टाइट में सऽमुंह निकालि गुटुर-गुटुर तकैत हैतै। दु दिन बाद बधा देतै । पेट में बधाछैक एहि बातक ओकरा कहां छै चिंता। ओकर चालि-चलन अखन ओहने छैक जेहन नठाकऽ। गला में ढोलना कि पृथ्वी पर एहन कोनो दीवारि नई छै जे ओकरा नाच सऽरोक सकइय। लोकक जे नोकसान करै छै से कहाँ सँ भरवै?विवाहक बाद हरभंगा गांव स अएला के बादे सऽ बुढिया हरभंगिया बइन गेल छल।एक दिन नातिक उमडक एक टा छौडा आबि कऽ हाड।पांजरि तोइड देबक धमकी देनेछलै। माथ में तेल ध क बुढिया सुतऽ चलि गेल।एक बेर रहमत तेलिया बेटाक हाथे बकरी कऽ बेची देने छलैक, गला में रस्सीबांधि लय गेल छलै। मुदा दुइए दिन बाद हरभंगियाक दुआरि पर हाजिर भऽ गेल। भोरबा में बकरीक खुरक आवाज कान में पडलै। विछावन पर सँ आंिख मिचैत ओसारापरि ठारि भेल। हं, हं , वा छै ,वा नटिनिया। मुंह में पानक डांट चिबबैतबकरी सामने ठारि छल।पान केकरा खेतक खैलकै एकर ओकरा कोनो चिंता नई छलै। पानक झाडि कङ्खहरभंगनिक नजरि कोनो गुरुत्व नहि देलकै। दु दिन पहिने जै बकरी कऽ गांव सँभगेने छल ऊ बकरी ओकरा सामने छलै । गनि-गनि कऽ बकरीक पैसा लेने छलै। आब तएकरा कसाइए हाथ में जाएके लिखल छै। आखिर दोसरक उपराग केते सहलजैतै।बुढिया दौरि क बारि में गेल आ देखैए कि सौंसे में पानक डांट-पातछिडियाएल अई।बकरी पानक पात खाए लेल जीऊ लपलपैने छल, कि ततबे में बुढिया अपन पूरा कूबत लगा कङ्ख बकरीक मुंह पर एक थप्पडि जइर देलक। बकरीक आंखि बंद भङ्ख गेल आलोर टपकए लागल। बुढिया अपन ढील पडैत कपडा कऽ कसैत ढाठ दिस दौडल, ओई में सङ्ख एक टा बांस खोलि बकरीक ऊपर ताइन देलक। लेकिन बकरीक लेल धनो सन।बुढिया गारि पढैत जेना झाडू, बारन्हि या बेलना सङ्ख मारै छलै ,किछुओहिना ऊ अपनि पीठि ओइर मुंह नीचा क लेलक । बकरीक पीठि देखी बुढिया कऽमारल नई गेलै।बकरीक मुंह देखी बुढियाक ज्वाला खत्म भङ्ख गेल छलै। हाथकबांस आ छता ओतहि पटकि बुढिया भानस घर दिस चलि देलक।टीप-टीप पाइन परि रहल छलै। लेकिन आई बकरी के पानिक कोनो असर नइ छलै।बकरी आ बिलाई मेघक दुईटा बुंदो बर्दास्त नइ कङ्ख सकैत अछि। आकाशक बुंदतङ्ख ओकरा लेल आगक चिनगारी सन होइ छै। मुदा आई......।बकरी निस्तेज भङ्ख कङ्ख बुढियाक फाटक दिस देखि रहल छल। जेना गला बाकुरलागी गेल होइ। बुढियाक बर्दास्त नइ भेलै। भनभनाइत -भनभनाइत ओसारा परि बोरा बिछा देलकैआ फटाल सऽ फाटक बंद कङ्ख लेलक आ ऊखडि पर बैस बकड-बकड करय लागल।बकरी छडपि कङ्ख ओइ पर जा बैसल।वर्षा में बकरी भीजि चुकल छल। ओकरा थान सङ्ख टपर-टपर पाइन चुबि रहल छल।एक दिन नीक समय जरुर एतै। हमर बधा सबकङ्ख तङ्खबेची देलकै, ऊ सब तङ्खदोसरि ठामि चलि गेल। मुदा ओकरा लेल त इहे मडैया आश्रय छैक। बकरी नीक दिनक आस में डूबल छल।रहमतक घर सङ्ख रस्सी-पगहा तोडि क आबक समय बकरी कऽ या विश्र्वास छलै। हमरेलेल हरभंगनि माय जिबैत अछि । बकरी मरितो दम तक अहि ठामि रहय चाहै छल, इबुढिया कङ्ख मालूम कतअ छलै। अई ठामि कङ्ख घासि -फुसि उपजै छै सङ्ख ओकरेलेल। जखन धरि माई फाटक नइ खोलतै अहि ठामि ठाडि रहब। छाता, लाठी लङ्ख कङ्खजेहिना माई मारऽ ऐतै पिठि ओइर देबै। पिठि केना ओडतै इ बकरिक बढिया सङ्खबुझल छलै।रहमत कँ घर सँ जे रस्सी -पगहा तोइर क भागल छल ऊ ओकरा गर्दनें में छलै।एहि बीच बुढिया घर सँ जेखन निकलल तँ अचरज में पडि गेल।ओकरा जेखन रहमतक बेटा पकरि कऽ लऽ जाइत छलै तखने भागि आबक चाहि। दु दिनदेर भऽ गेल छलै ई ओकरा लाजक बात बुझाइत छलै। दाहिना पैर पटकि कऽ बुढियाक नजर अपना दिस करौलक।बकरिक देखी हरभंगनिक मन कतौ दिग-दिगंत में विचरण करय लागल छलै।बुढिया खुंटा-पगहा लङ्ख बकरी कङ्ख खुटेरी एलै। एक लोटा पानि लङ्ख कङ्ख मुंह रगडि- रगडि कङ्ख धोब लागल।शरीर परि एक टा चदरि राखि कहीं निकलि गेल।किछु समय बाद बिलास एक टा साइकिल लऽ बुढियाक पाछू-पाछू अंगना में घुसल।साइकिलक कैरियर पर दु टा कटहरक ठारि राखि देलकै आ ओइ में बकरीक रस्सीबान्हि देलक। साइकिलक चक्का धीरे-धीरे घुमय लागल। बकरी कटहरक पात नोचैतसाइकिलक पाछू चलऽ लागल। बुढिया आकाशक दिस मुंह कऽ कऽ हाथ दुनु जोरि कबाजल - इ आब गेल। एम्हर रहमत बकरीक अपना दारवाजा दिस अबैत देख बपराहटतोडय लागल। बेटा कऽ बिलासक संग लगा बकरी कऽ बैरंग आपिस कय देलकै। बुढिया पैसा-कौडिक चिंता में डूबल छल। अहि बीच पैसा मांगए ला आबि गेलै।तकिया तर में जांतल पाई! तकिया तरक जातल पाई कहियो बधा नई दैत छै।हरभंगनि बुढिया कऽ इ बुझल छलै। जिंदगीक तजुर्बा बुढिया कऽ इ बात बढियासऽ बुझा देने छलै। पंडित कऽ बेमार भेलाक बाद बुढिया बडा जतन सऽ दु-चारिटा पाई रखने छल। सब जमा पंडितक पेटक दर्द में खर्च भ गेल छलैक ,आ ओकराबादो चार आदमी कंधा पर उठा कऽ पंडित कऽ श्मशान घाट पहुंचैने छलै। आ ओकरसब पोथि -पतरा कङ्ख नदी में सेहो भसा देने छलै। इ सब केना पंडितक पाछूचइल गेल छलै, इ सब लोक देखने छलै। मुदा बुढियाक संजोगल पाई पंडितक जान केपाछु केते लागल छलै, इ केकरो बुझल नई छलै। एकर कोनो सबूतो त ओकरा पास नईछै आ नई छै पंडितक कोनो धएल-उसारल चीज। पाइ अपना पाछू सबूत नई छोडै छै!माथ पर हाथ धए बुढिया केथरी पर बैसल रहल। एहि बीच केकरो आब कऽ आहटबुझैलै। एइ बकरी कऽ मारि कऽ खाए के अई। बुढियाक कान में इ आवाज सुनाईदेलकै। बुढिया घरक पछुआरि में बकरीक खुटेरि अइली।रहमतक बेटा चिकरल, अपन बकरी राखु ,हमर पाई दिअ। साथ में दस टका सूद आ दुदिनक दस टका बटखर्चा सेहो।कपारि परि हाथ राखि बुढिया गेरुआ तर हाथ देलक। चालिस टका खर्च भ गेलै आदुकानक नमक-तेल आ हुक्का -पिनि कङ्ख बाकि छै से अलग।कि कएल जाए? बकरीक मुंह सुखाएल जाइत छलै । पुठा निकलि गेल छलैबुढिया रहमतक बेटाक हाथ-पैर पकरि कङ्ख केहुना चालिस रुपया आगू महिना देवके लेल आग्रह करय लागल। रहमतक बेटा गरजलै। ज्यों आगू महिना देव त चालिसनै पचास लागत। रहमतक बेटा चलि गेल।बिलास वोहि ठामि केथरी पर बैसी गेल। मुंह सुखाइत जाइ छलै। माय सङ्ख नून-पाइन मंगलक। खर-पात सङ्ख चुल्हा फूंकि बुढिया पाइन गरम केलक आ एक बाटीचाय बिलासक हाथ में थमौलक।बकरी हरभंगनिक तेज चलैत सांसक आवाज सुनि सोचै लागल -किछु करक चाही, मायकहाथ में किछु पाई आनक चाहि। इ सोचि घर सङ्ख बाहर भ गेल। बुढियाक लेल फेर गाभिन भेल।आब ओकरा बधा कङ्ख बेचि कङ्ख बुढिया किछु पाई कमा सकैए।मुदा बुढिया उदास छल। देह पर एक टा कपडा राखि दिन भरि उदास बैसल रहल।भात बना क बुढिया अपनों खाइत छल आ किछु बसिया भात बकरी के लेल राखि दैत छल।किछु दिन सङ्ख बुढियाक आंख कचिआइत छलै। सांझ होइते प्रायः देखाइयो नई दैछलै। सांझ होइते जेहिना तेरेगन निकलै बुढिया तुलसिक चउरा पर दीया जरयलागय। दीपक लौ जेना जरै , बुढियाक ह्रदय ओहिना कपैत छल। आब लोककनुकसानक भारपाई लेल त किछु उपाय नइ छलै। तैं कान पतने आवाज अकानईत छल।पडोसक उपराग वा गालि -गलौज सुनैत छल। नइ सुनवाक आओर उपाये कि छलै?असहायबुढियाक धीरज राखय कऽ शक्ति खत्म भ गेल छलै।अपन तऽ संतान नई छलै आ पंडितककारणे कहिओ गामक लोकनिक उपराग वा उपहास सुन कङ्ख मौका नई मिललै। लेकिन इबकरी लेल , जीवनक अंतिम बेला में हरभंगनि बुढिया कङ्ख कि कि नङ्ख सहन करयपडैत छै ।बुढियाक भतीजा सुझाव देने छलै- बकरी कङ्ख कसैयाक हाथे बेचि दी लेकिनबुढियाक लेल इ संभव कतङ्ख छलै। बाद में ओकरे कहब छलै जे एकर मांसो केखेतै? आखिर बुढिया जे भ गेलै।हरभंगनि के महसूस होबए लागल छलै जे इ बकरी नइ अछि, इ त देहक पीडा अछि। मरए काल धरि एकरा लए कऽ एहिना भोग के अहि।पहिने के मरतै? बकरी या ओ? ज्यों ऊ मरि जेतै त बकरी कङ्ख केयो नई छोडतै । आ नारकीय यातना जकां तिल -तिल कङ्ख मारतै। कारण कि गामक लोक त ओहने छै।मार - काट करए बला। आ ज्यों पहिने बकरी मइर गेल। आह! आह! एहन यंत्रणाभोगङ्ख के केकरो मौका नई भेटै।पंडित कङ्ख स्वर्ग गेलाक बाद । .।दुआरिओ नई बचल छलै आ तुलसीक पात झडि-झडि क खैस रहल छलै आ सखुआक ठारि सबटुटि-टुटि क खैस पडल छल। लकडी चुन जाय त खाली हाथ बुढिया आपिस होइत छल । बटइया पर जे खेत देने छलै ओइ में सङ्ख चारो आना एकरा कहां मिललै। धानककोठि में मुस सब बधा द देनै छलै । अई सबहक ओकरा चिंता कहां छलै।पडोसनिक घर जेहिना हुक्का पिब ल जाई छल सब उ नटिन बकरी कङ्ख उपरागसुनाबए लागै। पसारल चदरि चिबा गेल, हमरा छोटका बेटा जाइत रहै पाछू सङ्खसिंघ मारि देलकै, हंसक दरबा में जा कङ्ख ओकरा खहेटैत रहै छै , आ फूल-पानके त तोहर बकरी दुश्मन छै। कियो ओकरा उपराग द क बिना सतौने नई छोडै।खिन्न मन सऽ हरभंगनि घर घुमि जाए।गाभिन बकरी कऽ मारियो नई सकैत अछि । आ नइ भुखले छोडल जाइत छलै। बुढियाकपारि पर हाथ राखि सोचैत छल कि बकरी आबि कङ्ख आंगनि में ठारि भ गेलै।बकरी कङ्ख टकटकी लगाए कङ्ख बुढिया देख लागल ।एहि अवस्था में कौआ -चुनमुन ओकरा आगू-पाछू चक्कर लगाब लागल छलै।चिडियां-चुनमुन कहिओ ओकरा पासो नई फटकल छलै, कारण कि केकर एहन हिम्मत छलै जे पासमें आबए के हिम्मत करितै। आई धरि कुकुर वा बिलाई कहिओ बुढियाक आंगन मेंघुसक हिम्मत नई केलकै।कुकुर सभ तङ्ख सोचै छल जे भौं-भौं करय सङ्ख कि फायदा ? अपन रास्ता पकडि लैत छल। आ चोर?पितरक दीया चोराबऽ आएल छल त ओकरा कि दुर्गति भेल छलै से त केओ नई जनैतअछि। बुढिया तुलसिक चउरा परि दीप राखि कङ्ख दीवारक आडि लङ्ख कङ्ख कपडाबदलैत छल कि तखने दीप खैस पडलै।बसात सङ्ख गिरलै कि केना सङ्ख बिना सोचने दीप लेल बुढिया विरक्त भ गेल।अचानक एक आवाज भेलै, जेना केओ खैस पडल होई। बकरिक चलऽ के आवाज साफ -साफआबि रहल छल।हरभंगनि के सब बात बुझा गेल छलै जे उ जानयङ्ख चाहैत छल।चोर-चोर कङ्ख हल्ला करैत आ बपराहट तोडैत बुढिया सडक दिस दौडल।लोक सभ जुटिगेल छलै। हं, वा तङ्ख कलिया मुंहे भरे गिरल पडल छल ।कलियाक केहुनी सऽखूनक पमार बहि रहल छलै।लगे में दीप गिरल छलैक। बुढिया आंखि फारिकङ्खओकरा देखि रहल छली।बकरी कतङ्ख गेलै?कलियाक लोक सभ कि ओकरा एहिना छोडि देतै। तँ बुढिया भीड के चिरैत चारु बगलबकरी कङ्ख खोजए लागल। लेकिन ऊ त कतौ नई छल।बाद में मचानक नीचा भेटल। तखनि धरि लोक सभ अपन-अपन घर चलि गेल छलाह।चोरक हाथ सङ्ख जे दीप खसल छल ओहिक तेल सभ सेहो ओहि ठाम उझला गेल छल।बुढिया क्लांत भङ्ख गेल छल।फेर सँ दीप जरैबाक शक्ति ओकर खत्म भऽ चुकल छलै।अन्हारे में बुढिया कङ्ख बुझा गेल छलै जे मचानक नीचा बकरी बसैल छै।भगवानक नाम स्मरण करैत बुढिया सुति गेल। आ एम्हर बकरियो टांग पसारि कङ्ख पडल छल।भोर में जखन फाटक खोलि बुढिया बाहरि आएल त देखैए जे आन दिनक तरहें मचानकतर में सङ्ख बकरी बाहरि नई आबि रहल अछि। ओकरा बाहर अनबाक लेल बुढियाहजारो बेर चेष्टा कऽ चुकल छल । बुढिया बकरिक बजबैत-ब भोर में जखन फाटकखोलि बुढिया बाहरि आएल त देखैए जे आन दिनक तरहें मचानक तर में सङ्ख बकरीबाहरि नई आबि रहल अछि। ओकरा बाहर अनबाक लेल बुढिया हजारो बेर चेष्टा कऽचुकल छल । बुढिया बकरिक बजबैत-बत्नी छली। जनेऊक सुति काटङ्ख के पुरान आदतछलै। ओहि में लागल रहय कि अचानक ओकरा मुंह से हंसी फुटि पडल छलै।छी!छी! एहनो कतौ बकरी भेलङ्ख। राति कलियाक केहुनी फोडि क मारि खाए कङ्खडर सङ्ख ओहि में सङ्ख निकलवे नहि कएल। मचानक तरि में मुंह घुसा कऽ बुढियाबकरीक मुंह दुसङ्ख लागल।कतेक दिन भगवहि ? एक दिन तोडा कलिया छोडतौ नइ। इ बात कहबाक बाद बुढियाक्षुब्ध भङ्ख गेल छल।एतेक डरपोक बकरी नई अछि इ। आखिर इ एखन गाभिन छैक। मारिक डर स एखन बांचिरहल अछि। ममत्व धर्म कङ्ख पालन कए रहल अछि।बुढिया दृढ विश्र्वास देखौलक। गर्भधारण कङ्ख ओकरा अनुभव नइ छैक लेकिनममत्वक अनुभव त ओकरा भेल छैक।बुढिया उठि क भीतरि गेल आ एक कटोरी पानि आनि मचानक तर में ठेलि देलकै।हरभंगनिक दायित्व बढि गेल छलै। गर्भवती बेटीक प्रति दायित्व जेना। कनिकोकाल नइ देखै तङ्ख बुढिया बाहरि निकलि पडय। पडोसक लोकिनक प्रति तीक्ष्णदृष्टि। केकरो अरगनि पर राखल कपडा त नइ चिबैलकै। वा केकरो घर सङ्ख गारिदेबक आवाज त नई आबि रहल छै।बुढियाक आंखि जेते दूर देखि सकै छलै, तकैत छल।बाट में खसल कटहरक पात आनि ओकरा दै छलै। देह हसोथि कङ्ख ओकरा समझबै छलैजे उद्दडंता छोरि दे।पडोसक लोकनि सभङ्ख इ बुझि गेल छलै कि केतबो उपराग देबय सऽ ओकरा कोनोफर्क नहि परै छै। ऊ त केवल निर्विकार भङ्ख सुनैत रहै छै। पहिने जकां बकरीकङ्ख डांटि -दबारि आब केकरो कानि में कहां सुनाई दैत छै। पहिने तऽ खूबपिटबो करै आ दूर परती -परांत में खुटेरि अबै छलै। लेकिन आइ कालि इ सबकिछु नइ। खोइल देबङ्ख सङ्ख मटरगस्ती केलक आ मनभरि बदमासी केलाक बाद घरलौटि बुढियाक चरण में आबि कङ्ख बैस गेल। बुढिया देह हसोथि का पंखा झेल दैआ मनसा देविक गीत गाबि सुनाबै।आहा! कि दृश्य?गामक लोकनि के इ देखि आंखि फाइट जाइ। पर इ बात हरभंगिनी केबुझाइ । बकरियो बुझई। त दुनु सावधान।माय- बेटी दुनु गामक लोक सँ कटी कङ्ख रहए लागल छल।आइ पोखरि परि आबि कङ्ख बुढियाक मन उद्धेलित छलै। समय पूरा भङ्ख गेल छै।दु एक दिन में बधा द देतै। एहन समय में केयो जौं शत्रुता करतै त ओकरा किनई भ जेतै।बुढिया घरक लेल आपिस होबए लागल।ऐना पोखरि पर माछ मारैत बहुतों बेर देखने छलै। पगलादिया नदी में बहुतोबेर माछक उफान देखने छलै।ओ आपिस भङ्ख गेल।घरक फाटक खोलि कङ्ख बारी में साग तोडय चलि गेल। बकरी कङ्ख बार- बारबुझेने छलै जे घरक आसे -पास रहिहें। नइ, ऊ त कहीं घुमय चलि गेल।दुपहरियाक बेर हरभंगनिक किछु सुनाइ देलकै। डबराक भीडि पर किछु केराकडमखौर जमा केने रहैय। ओम्हरे सऽ आवाज आबि रहल छलै।बुढिया दउर मारलक। हं, हं ओतै बधा दए रहल अछि। बुढियाक आनंदक ठिकाना नइरहि गेल छलै। देखैत रहि गेल। उजरि-उजरि बधा। किन्तु बच्चाक माय कङ्ख किभेलै।बुढिया पडोसिक नाम लङ्ख कङ्ख चिचियाइत हल्ला कैलक। बकरी निस्तेज भङ्खचुकल छलै। बुढिया तकैत रहि गेल छल। ओकरा आंखि में आइ ऊ भाव नइ छलै।एक दू टा पडोसी दउर क आबि चुकल छलै। ऊ सब बधा कङ्ख उठा क बुढियाक हाथ मेंदेलकै। इ बात नइ छलै जे अहि सँ पहिने बुढिया कहियो बच्चा कङ्ख हाथ में नइलेने छल। परंच अहि बेर ओकरा सः अपन बच्चा जेना बुझाइत छलै।बुढियाक दुनु आंखि में लोर भरि गेल छलै। तखने कान में एक टा आवाज अयलै।हं,हं इ त ओकरे आवाज अहि। मेमिआइत नहि बल्कि एकदम स्पष्ट आवाज। स्वस्थ्यआवाज। कष्ट सङ्ख मुक्तिक आवाज। हं गे हमर माय, हं गे हमर बेटीहरभंगनि बुढियाक आवाज।बधा सँभ के छोडि बकरीक पास पहुंचि गेल छल।पछारि खा कङ्ख खइस पडल। हं यो अस्वस्थ्य यातना सङ्ख छुटकारा भेटि गेल।बुढिया ओकर देह आ माथ हसोथि देलकै। डबडबाएल आंखि, तरहथि सऽ पोछि आवाजदेलकै- गे हमर बुधी! बकरीक मुंह समान्य भ गेल।बुढिया बेसी जोरि सङ्ख बाजि देने छलै। पछुआरि सङ्ख ओकर भतीजी दबारलकै,अएं गे, तोरा आओर कोनो नाम नहि भेटलौ, एते दिन सङ्ख तोरा कोनो नाम नइभेटल छलौ, आइए मोन पडलौ।बकरीक लङ्ख कङ्ख उपराग सुनैत-सुनैत बुढिया अभ्यस्त भ चुकल छल।थेथरि जकां जीवन धरि समय कटैत रहल।पंडित जे संत्रास दङ्ख गेल छलै , ओकरा ई बकरिक सहारे एहि रंगहीन पृथ्वीपर जीवैत छल।

शनिवार, 6 अगस्त 2011

भाजपा ने सीएजी को हथियार बना कांग्रेस पर साधा निशाना ,गडकरी ने शिलादीक्षित से मांगा इस्तीफा
गुवाहाटी, ६ अगस्त । लोकायुक्त की रिपोर्ट के बाद सहमी भाजपाको सीएजी ने बल दे दिया है। सीएजी को हथियार बना कर भाजपा ने कांगेस परहमला करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।पार्टी ने े शिला दीक्षित से इस्तीफे की मांग की है। पार्टी अध्यक्षनितिन गडकरी ने कहा है कि सीएजी की रिपोर्ट ने कामनवेल्थ खेलों में हुएभ्रष्टाचार में शिला दीक्षित की संलिप्तता उजागर कर दी है और उन्हेंकर्नाटक के मुख्यमंत्री की तरह इस्तीफा दे दे देना चाहिए। असम विधानसभाचुनाव में पार्टी की हुई करारी हार की समीक्षा के लिए शुक्रवार को असमपहुंचे भाजपा अध्यक्ष ने आज नई दिल्ली रवाना होने से पहले यहां गुवाहाटीमें कहा कि लकायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री वीएसयेदुरप्पा के इस्तीफे की मांग करने वाली कांगेस पार्टी के नेताओं को अबशिला दीक्षित को कहना चाहिए कि वे इस्तीफा दे। गडकरी ने कहा कि वेव्यक्तिगत तौर पर मानते हैं कि किसी मंत्री के खिलाफ यदि लोकायुक्त,सीएजीया अन्य किसी बड़ी एजेंसी की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार या दोषी होने की बातआती है तो सबसे पहले उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और बाद मेंउसका प्रतिकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यही कारण रहा है कि उन्होंनेलोकायुक्त की रिपोर्ट आने के बाद येदुरप्पा को इस्तीफा देने के लिए कहाऔर अब शिला दीक्षित की नैतिक जिम्मेवारी है कि वे अपने पद से इस्तीफा दे।भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भ्रष्टाचार को दूरकरने की बात करतीं हैं और यदि वे शिला दीक्षित को इस्तीफा देने के लिएकहती हैं तो यह माना जाएगा कि सचमूच वे भ्रष्टाचार कि खिलाफ हैं।

शनिवार, 23 जुलाई 2011

अरण्य सुरक्षा समिति की सरकार को वन भूमि को पट्टा न देने की चेतावनी
गुवाहाटी, 23 जुलाई। वन भूमि पर अवैध बांग्लादेशियों के कब्जे ़ओर सरकार द्वारा ़उन्हें भूमि का पट्ठा देने के खिलाफ असम के वपन प्रेमी संगठन ेेएकजुट होकर आवाज लगाने लगे हैं। अरण्य सुरक्षा समिति ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि सरकार वन भूमि को पट्टा देने की भूल न करें।समिति ने कहा है कि वन भूमि सुरक्षा कानून और भूमि अधिकार कानून दो अलग-अलग चीज है और दोनों को एक नजरिए से देखने की भूल यदि सरकार करती है राज्य के वन प्रेमी संगठनें चुप नहीं बैठेंगी और जोरदार आंदोलन चलाया जाएगा।समिति की ओर से आज यहां गुवाहाटी प्रेस क्लब में अरण्य भूमि की सुरक्षा विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें समिति के अध्यक्ष पार्वती बरुवा तथा महासचिव हरिचरण दास सहित अन्य कई वन प्रेमी संगठनों के सदस्यों ने वन भूमि की सुरक्षा और वर्तमान हालात पर अपने विचार रखे। चर्चा में भाग लेते हुए ज्यादातर वक्ताओं ने वन भूमि पर संदिग्ध नागरिकों के कब्जे पर गहरी चिंंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके पीछे सरकार की साजिश दिखती है।चर्चा में भाग लेते हुए वन सुरक्षा के कार्यों में लगे दिलीप नाथ ने कहा कि सोनाई-रूपाई अभयारण्य की जमीन पर संदिग्ध लोगों का कब्जा लगातार जारी है और प्रशासन खुली छूट दे रखा है। उन्होंने बताया कि दोपहर दो बजे के बाद जहां लोग जाने से डरते थे ,वहां अब 30 हजार की आबादी है और चुनाव के समय अलग से यहां मतदान केन्द्र बनाए जाते हैं। श्री नाथ ने बताया कि सूचना के अधिकार कानून के सहारे जानकारी मिली है कि चुनाव आयोग की मंजूरी के बिना ही सोनाई-रूपाई अभयारण्य में मतदान केन्द्र बनाया जाता रहा है। जो पूरी तरह से संदिग्ध लोगों को प्रश्रय देने की सरकारी साजिश का पर्दाफास करता है। चर्चा में भाग लेते हुए राकेश साउद तथा वरिष्ठ पत्रकार अदीप फूकन ने वनों की भूमि पर हो रहे अतिक्रमण पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि सत्ता में बैठे लोग सरकारी धनों को लूटने के लिए वनों की भूमि को खत्म करने पर तुले हुए हैं। इस मौके पर कई अन्य वक्ताओं ने वनों की भूमि को बचाने के लिए सभी संगठनों को एकजुट होकर काम करने की बातों पर बल दिया। राकेश ने कहा कि वनों में रहने वाले लोगों से वनों का कोई खतरा नहीं है। खतरा है तो सिर्फ दखलकारियों से। क्योंकि वनों में रहने वाले जनजातीय वनों को कभी नुकसान नहीं पहुंचाते बल्कि उसकी सुरक्षा करते है।नीरजझा/23 जुलाई
तेलांगाना की तरह असम में बोड़ोलैंड राज्य की मांग हुई तेज
गुवाहाटी , 23 जुलाई। बीटीसी के गठन से बोरो समुदाय के लोगों को कोई लाभ न होने की बात कहते हुए इंडिजिनियस एंड ट्रायबल पीपल्स आर्गनाइजेशन आफ नार्थ ईस्ट इंडिया के अध्यक्ष जेब्रा राम मुसाहारी ने कहा है कि बोड़ो समुदाय का विकास और भविष्य की सुरक्षा बिना बोड़ोलैंड राज्य के गठन के नहीं हो सकता। उन्होंने कहा है कि वर्ष 2013 तक हर हाल में अलग बोड़ोलैंड राज्य का गठन कर लिया जाएगा।आज यहां गुवाहाटी प्रेस क्लब में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मुसाहारी ने कहा कि बीटीसी के गठन से बोड़ो इलाके का कोई आर्थिक विकास नहीं हुआ है। बोड़ो समुदाय का पिछड़ापन बना हुआ है और यदि विकास हुआ है तो सिर्फ बीटीसी प्रशासन के मुट्ठी भर लोगों का। इसलिए बोड़ों समुदाय चाहता है कि केन्द्र की सरकार उनकी भावनाओं को समझे और एक ऐसे राज्य के गठन की मंजूरी दे जहां न सिर्फ बोड़ो बल्कि वहां निवास करने वाले सभी जाति और समुदाय के लोगों का सामाजिक और आर्थिक विकास हो सके। उन्होंने बताया बोड़ोलैंड राज्य के गठन की मांग करने वाले 56 संगठनों ने एकजुट होकर अलग राज्य की मांग को तेज करने का निर्णय लिया है। जिसका पूर्वोत्तर के सभी 212तथा देश के करीब 500 से भी अधिक जनजातीय समुदायों के संगठनों ने नैतिक समर्थन देने का वादा किया है।मुसाहारी ने कहा कि बीटीसी पर से बोड़ो समुदाय का विश्वास खत्म हो गया है क्योंकि मेघालय के बजट (दो हजार आठ सौ करोड़) से भी अधिक राशि (तीन सौ करोड़) बीटीसी को मिलने के बाद भी बोड़ो इलाके का कोई विकास नहीं हुआ है।यह पूछने पर कि बोड़ोलैंड को अलग राज्य का दर्जा देने के बाद अलग कामतापुर राज्य की मांग करने वालों का क्या होगा, तो मुसाहारी ने कहा कि इन संगठनों के साथ बैठ कर मामला सुलझाया जा सकता है। यह कहने पर कि बोड़ों समुदाय के विकास का क्या सिर्फ अलग राज्य का गठन ही समाधान है, तो जेब्रा ने कहा कि जनजातीयों की सबसे बड़ी समस्या बांग्लादेशी घुसपैठ है,ये घुसपैठिए जनजातीयों का जमीन कब्जा कर रहें हैं और जनजातीय लोग अपनी पहचान बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय लोग अब राज्य की सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते। क्योंकि यहां की सरकार जनजातीयों की सुरक्षा के लिए कभी नहीं सोंचती है। उनकी सोंच सिर्फ धन और बाहुबल के सहारे सत्ता हासिल करना होता है। नीरजझा/23 जुलाई

रविवार, 17 जुलाई 2011

पूंजीपतियों के हाथों चलने वाली कठपुतली है गोगोई की सरकार -विजया
गुवाहाटी,। गुवाहाटी की सांसद तथा भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव विजया चक्रवर्ती ने कहा है कि मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की सरकार बड़े पूंजिपतियों के हाथों की एक कठपुतली सरकार है। यह सरकार सिर्फ और सिर्फ बड़े पूंजिपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रही है।इनका जनता से कोई वास्ता नहीं है। चाहे बड़े नदी बांध का मुद्दा हो या बजट हर जगह पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के मकसद से यह सरकार काम करती है।आज यहां अपने निवास पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए गुवाहाटी की सांसद ने कहा कि चुनाव से पहले गरीबों के मसीहा की तरह बात करने वाली राज्य की सरकार का चुनाव जीतने के बाद सुर बदल गया है। चुनाव से पहले बड़े नदी बांध के मुद्दे पर चुप्पी साध रखी सरकार के मुुखिया तरुण गोगोई अब चिल्ला-चिल्ला कर नदी बांध के मुद्दे पर बोल रहें हैं। लेकिन उन्हें समझना चाहिए कि फिलहाल धेमाजी और लखीमपुर में जो बाढ़ का प्रकोप दिख रहा है वह सिर्फ एक नमूना है और बांध बनने के बाद का आलम क्या होगा।विजया ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास की ढ़ोल सरकार पीट रही है, जबकि सच्चाई यह है कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति अत्यंत दयनीय है और मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के कार्यकाल में कोई सुधार नहीं हुआ है।शिशू मृत्यु दर में कमी नहीं आ रही है और अस्पतालों में चिकित्सकऔर स्कूलों में शिक्षक नहीं है। उन्होंने सरकार से पूछा है कि यदि इस क्षेत्र में सुधार हुआ है तो खासकर विधायकों और नेताओं के बच्चे राज्य से बाहर पढ़ने और इलाज कराने क्यों जाते हैं। यह पूछने पर कि क्या उनकी पार्टी बड़े नदी बांध के खिलाफ है तो विजया ने कहा कि ऐसा कदापि नहीं है। मैदानी भागों में बांध के विरोध का कोई मतलब नहीं है लेकिन यहां विरोध इसलिए किया जा रहा है कि यह क्षेत्र भूकंप प्रभावित होने के साथ पहाड़ी इलाका है और यहां इस तरह के बांध से भारी नुकसान हो सकता है।एक टेलीविजन चैनल पर प्रसारित खबर का खंडन करते हुए गुवाहाटी की सांसद ने कहा कि उनके द्वारा अनुमोदित सांसद फंड में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। वे कोई भी काम ठेकेदारों के बदले स्थानीय लोगों द्वारा बनाई गई कमिटी को देेती हैं जहां गड़बड़ी की संभावनाएं नहीं के बराबर होती है। नीरजझा/17 जुलाई/2011

बुधवार, 6 जुलाई 2011

कांग्रेस के युवराज की संवेदना उन गरीबों पर उमडती है जिनसे

कांग्रेस के युवराज की संवेदना उन गरीबों पर उमडती है जिनसेराजनीतिक मुनाफा होता है- संदीप पाण्डेय
गुवाहाटी / मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानीत सदीप पांडेय ने केन्द्रकी यूपीए सरकार को अवसरवादी करार देते हुए कहा है कि कांग्रेस केयुवराज की संवदेनशीलता उन गरीबों के साथ उमडती है जिससे उनकाराजनीतिक मुनाफा सधता है।उन्होंने कांग्रेस पार्टी से पूछा है कि भट्टा परसौल में पदयात्रा करनेवाले कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी गुवाहाटी के उन लोगों कीखैरियत पूछने क्यों नहीं आते हैं जिनका आशियाना उनकी सरकार ने हीउजाड दिया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधीकी संवेदनशीलता वहीं दिखती है जहां उनका राजनीतिक मुनाफा सधता है।आज यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए पांडे ने सवालिया लहजे मेंकहा कि क्या भट्टा परसौल के गरीब गरीब हैं और गुवाहाटी के पहाडोंपर बसे गरीब गरीब नहीं हैं। इन दोनों में कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधीको क्या अंतर दिखता है। यदि कोई अंतर नहीं है तो राहुल गांधी यहांआकर उन लोगों की खबर क्यों नहीं लेते जिनका घर उनकी पार्टी कीसरकार ने तोड दिया है और विरोध करने पर तीन लोगों को मौत केघाट उतार दिया। उन्होंने कहा कि आखिर यह कैसी विडंबना है कि यूपीमें किसानों और गरीबों से जमीन छीने जाने के खिलाफ कांग्रेसमहासचिव राहुल गांधी पदयात्रा करते हैं और दूसरी तरफ उनकी पार्टी कीअसम सरकार यदि गरीबों पर अत्याचार करती है तो कुछ नहीं बोलते हैं। श्रीपांडे ने कहा कि अंग्रेजों द्वारा बनाए गए भूमि अधिग्रहण और वन कानूनके सहारे गरीबों को न उजाडने की वकालत करने वाले राहुल गांधीको असम के लोगों को बताना चाहिए कि मुख्यमंत्री तरुण गोगोई कीसरकार बुल्डोजर चला कर लोगों का घर क्यों उजाड रही है। गुवाहाटी से नीरज झा की रिपोर्ट

शनिवार, 2 जुलाई 2011

सिर्फ शिक्षकों को ही क्यों सभी सरकारी अधिकारियों को पत्रकारिता में
क्यों न लगा दिया जाए
कैसा रहेगा यदि सभी सरकारी पदाधिकारियों व कर्मचारियों को पत्रकारिता में
भी लगा दिया जाए
गुवाहाटी। यदि कोई सरकारी शिक्षक पत्रकारिता कर सकता है तो तो सरकारी
अधिकारी ऐसा क्यों नहीं कर सकते। कैसा हो यदि जिला उपायुक्त और पुलि स
अधीक्षक से लेकर सरकारी कार्यलयों में काम करने वाले बाबू भी नौकरी करने
के साथ पत्रकारिता करने लगे। जी यह मैं नहीं असम के शिक्षा मंत्री डा.
हिमंत विश्च शर्मा का सवाल है। सरकारी शिक्षकों पर पत्रकारिता करने से
रोक लगाने वाले इस शिक्षा मंत्री ने उनके इस कदम के विरोध करने वालों से
यह सवाल किया है। उन्होंने कहा है कि सिर्फ शिक्षक ही पत्रकारिता क्यों
करे। यदि शिक्षक को यह छूट मिलता है कि वे बच्चे को पढ़ाने से ज्यादा दिन
भर स्कूल में बैठ कर आज की स्टोरी के बारे में सोंचे तो फिर दूसरे
सरकारी अधिकारियों को ऐसा लाभ क्यों न मिले। पिछले दिनों पत्रकारों ने
शिक्षा मंत्री से सवाल किया कि क्या वे शिक्षकों को पत्रकारिता न करने
देने के फैसले पर अटल हैं, तो डा. शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य
के बुद्धिजीवियों और अखबार के संपादकों को पत्र लिख कर पूछा है कि उनकी
राय में क्या शिक्षकों को पत्रकारिता करने की छूट दी जानी चाहिए। और यदि
दिया जाना चाहिए तो फिर अन्य सरकारी पदाधिकारियों और कर्मचारियों को
क्यों नहीं। मंत्री महोदय ने उल्टे पत्रकारों से पूछ डाला कि क्यों न
सारे अधिकारियों को पत्रकारिता में लगा दिया जाए ताकि आप लोगों को स्टोरी
खोजने के लिए दिन भर सरकारी कार्यालयों का खाक न छानना पड़े। गुवाहाटी से
नीरज झा की रिपोर्ट

मंगलवार, 28 जून 2011

जेल में बंद आरटीआईकर्मी अखिल के समर्थन में उतरा अखिल असम ग्रामीण कृषक संस्था
गुवाहाटी,29 जून।अखिल असम ग्रामीण कृषक संस्था ने कृषक मुक्ति संग्रामसमिति के नेता तथा आरटीआई कर्मी अखिल गोगोई पर सरकार द्वारा किएजा रहे कथित अत्याचार के खिलाफ सडक पर उतरने का फैसला किया है।संस्था अखिल की बिना शर्त रिहाई की मांग को लेकर अगले १० जुलाई से२० जुलाई के बीच धरना-प्रदर्शन करेगी जबकि ९ अगस्त को जेल भरोआंदोलन करेगा।आज यहां गुवाहाटी प्रेस क्लब में संवाददाताओं को संबोधित करते हुएसंगठन के अध्यक्ष राजीव दत्त तथा महासचिव अरूप कुमार महंत ने कहा किमुख्यमंत्री तरुण गोगोई की सरकार से गणतंत्र को खतरा हो गया है।सरकार की दमनकारी नीतियों को मजबूति से जवाब दिया जाएगा। उन्होंनेकहा कि यदि अखिल की बिना शर्त रिहाई,दिसपुर कांड की न्यायिक जांच,कामरूप नगर जिला पुलिस अधीक्षक की बर्खास्तगी नहीं की जाती है तो उनकासंगठन पूरे राज्य में अनवरत आंदोलन छेड देगा।श्री महंत ने कहा कि सिर्फ अखिल की ही बात नहीं है। सरकार के खिलाफबोलने वाले हर व्यक्ति को सरकार झूठे मुकदमें में फंसा कर जेल में बंदकर देती है। उन्होंने बताया १० दिन पहले सिलचर में हैदर हुसैन नामक एकव्यक्ति को झूठे मुकदमा में फंसा कर जेल भेज दिया गया। क्योंकि वहआशा कर्मियों को लेकर एक संस्था बनाया थाऔर यह संस्था स्वास्थ्य विभागको पच नहीं रहा था।

शुक्रवार, 24 जून 2011

प्रेस क्लब परिसर से अखिल की गिरफ़्तारी पर गुवाहाटी प्रेस क्लब नाराज

प्रेस क्लब परिसर से अखिल की गिरफ़्तारी पर गुवाहाटी प्रेस क्लब नाराज
गुवाहाटी प्रेस क्लब से आरटीआईकर्मी तथा किसान नेता अखिल गोगोई की गिरफ़्तारी पर गुवाहाटी प्रेस क्लब ने नाराजगी जताई है . क्लब ने मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को पत्र लिख कर कहा है की प्रेस क्लब का काम किसी को कानून प्रक्रिया से बचाना नहीं है. लेकिन प्रेस क्लब से परिसर के बदले अखिल को परिसर के बाहर निकलने पर गिरफ्तार किया जाना चाहिए था. क्लब के सचिव नव ठाकुरिया ने मुख्यमंत्री से कहा है जिस तरह से बीच संबाददाता सम्मलेन को बाधित कर पुलिस अखिल को गिरफ्तार की वह ठीक नहीं है. क्योंकि इससे न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन हुआ बल्कि प्रेस क्लब की शांति और मर्यादा को नुकसान पंहुचा है. ठाकुरिया ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री को कहा है पुलिस के कारण संबाददताओं को भारी परेशानी झेलनी पड़ी . उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा है की आखिर अखिल को प्रेस क्लब से निकलने के बाद गेट पर गिरफ्तार करने से पुलिस को क्या नुकसान हो जाता . उन्होंने मुख्यमंत्री से भविष्य में इस तरह की घटना को रोकने के लिए कदम उठाने की मांग की है. गुवाहाटी से नीरज झा की रिपोर्ट

गुरुवार, 23 जून 2011

दिसपुर घटना के पीछे सरकारी साजिश
गुवाहाटी,२३ जून। बुधवार को हुए हिंसक प्रदर्शन की भर्त्सना करते हुए
गुवाहाटी माटी पट्टाकरण संग्राम समिति ने कहा है कि इस घटना के पीछे एक
गंभीर साजिश है। संगठन ने इस साजिश में राज्य सरकार के शामिल होने की
आशंका भी जताई है। संगठन का मानना है कि मामले की दिशा को बदल देने के
लिए सरकार घटना को प्रश्रय दे सकती है।
आज यहां गुवाहाटी प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में समिति
के अध्यक्ष प्रणव गोस्वामी तथा सचिव प्रवीण ज्योति कलिता ने घटना को
लेकर कृषक मुक्ति संग्राम समिति के नेता अखिल गोगोई की कडी निंदा की।
वहीं इस पूरे घटनाक्रम के पीछे सरकारी साजिश की आशंका भी व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि अखिल गोगोई ने पूरे मामले को एक दूसरे तरफ मोड दिया है
और संभव है कि इसमे सरकार की भी साजिश हो। उन्होंने कहा कि उनका संगठन
करीब दो दशकों से माटी पट्टा की मांग को लेकर गणतांत्रिक तरीके से आंदोलन
कर रहा है लेकिन बुधवार को जो कुछ भी हुआ वह इस मांग के मायने को बदल
दिया है। श्री गोस्वामी ने कहा कि अब सरकार भूमि हिनों को जमीन देने की
बात कह कर माटी पट्टा की मांग का दबाने की कोशिश में जुट गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार के पास कोई भूमि नीति नही है और यही कारण रहा कि
कुछ संगठनों के बहकावे में आकर लोग प्रदर्शन के दौरान हिंसक हो गए। उनका
यह भी कहना था कि प्रदर्शन करने वाला संगठन असंगठित लोगों को लेकर
प्रदर्शन कर रहे थे जिसके कारण उनका नियंत्रण नहीं रहा और ऐसे लोग जो
हिंसक घटनाओं को बढावा दे रहें हों वे कैसे समाज के लोगों का नेतृत्व दे
सकते हैं।
श्री गोस्वामी ने सरकार से एक भूमि नीति तय करने की मांग करते हुए कहा
कि सरकार जब चाहती है तब किसी को जमीन आवंटित कर देती है और जब चाहती है
तो हटाना शुरू कर देती है। उनका कहना था कि नगर में कृत्रिम बाढ का
कारण सरकार पहाडों का अतिक्रमण बता रही है जबकि सच्चाई यह है कि तलाबो और
जलाशयों को आवंटित कर देने के कारण जलमाव हो रहा है। उन्होंने यहां कहा
कि हितेश्वर सइकिया के जमाने में सबसे पहले मणि कुमार सुब्बा और केसी दास
कामर्स कालेज को जलाशय की जमीन देने की शुरूआत हुई थी जो अब तक चल रही है
और जब तक इससे रोका नहीं जाएगा तब तक कृत्रिम बाढ की समस्या खत्म नहीं
होगी। नीरजझा/२३ जून/२०११

सोमवार, 13 जून 2011

अपराधियों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए बनेगा सख्त कानून

अपराधियों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए बनेगा सख्त कानून
गुवाहाटी,12 जून, (नीरजझा)। केंद्रीय कानून मंत्री एम वीरप्पा मोईली ने
कहा है कि अपराधियों को चुनाव प्रक्रिया में प्रवेश से रोक लगाने के लिए
सख्त कानून बनाया जाएगा। अपराधियों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए सख्त
कानून की जरुरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि देश की लोकतांत्रिक
व्यवस्था को स्वच्छ बनाने के लिए चुनाव सुधार की जरुरत है।
नगर के नेडफि हाउस सभागार में आयोजित 7 वीं क्षेत्रीय चुनाव सुधार
सलाहकार बैठक में भाग लेते हुए श्री मोईली ने कहा कि कानून मंत्रालय और
चुनाव आयोग ने संयुक्त रूप से इस विषय पर पहल की है तथा चुनाव प्रक्रिया
को स्वच्छ बनाए जाने के लिए की जा रही पहल का अच्छा नतीजा निकलेगा।
उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में अपराधियों के प्रवेश पर रोक के लिए
कई उपायों पर सोच-विचार जारी है। उन्होंने चुनाव में काले धन का प्रयोग,
एक से अधिक क्षेत्रों से चुनाव लड़ने की छुट पर रोक, मतदान से 48 घंटा
पूर्व प्रचार-प्रसार पर रोक जिसमें समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित
करने तथा घर-घर जाकर प्रचार करने पर रोक लगाने और चुनाव खर्च को लेकर गलत
तथ्य दाखिल करनेवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस अवसर पर बोलते हुए भारतीय निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त
डा.एसवाई कुरैशी ने भी अपने भाषण प्रसंग पर मोईली की कही बातों पर बल
दिया तथा राजनीतिक क्षेत्र में अपराधियों के प्रवेश पर हर हालत में रोक
लगाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जिस समय पूरे विश्व में भारतवर्ष की
लोकतंत्र की सफलता की चर्चा है ठीक उसी समय सत्ता के गलियारों में
आपराधिक पृष्ठभूमिवाले लोगों को देख हमारी आंखें शर्म से झुक जाती है। इस
विषय पर गंभीरता से पहल होनी चाहिए।
बाद में संवाददाताओं से हुई बातचीत के दौरान डा. कुरैशी ने कहा कि इवीएम
की विश्वसनीयता पर असम और हरियाणा के दो राजनीतिक दलों से मिली शिकायत के
आधार पर चुनाव आयोग देश के 200 चुनाव क्षेत्रों पर परीक्षात्मक चुनाव
कराने का फैसला लिया गया है। इस इवीएम में मतदान के बाद मतदाता को एक
वोटर स्लिप मिलेगा जिसमें उसने कहां, किसको, कितने बजे, कितनी तारिख को
मतदान किया सभी बातों का उल्लेख रहेगा। इससे पहले आगामी 4 अक्टूबर को नई
दिल्ली में इवीएम संदर्भ में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा जिसमें
विभिन्न राजनीतिक दलों को भी आमंत्रित किया जाएगा। डी वोटर मुद्दे पर
पूछे एक सवाल के जवाब में डा. कुरैशी ने कहा कि इस पर अंतिम फैसला
ट्रिब्यूनल को ही लेने का हक है।
बैठक में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया
को स्वच्छ बनाने के लिए चार्जशीट किए गए उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने नहीं
दिया जाना चाहिए। श्री गोगोई ने कहा कि मतदाता अब अधिक सचेत हो गए हैं
तथा किसे मत देना है और किसे नहीं यह खुद तय करते हैं। उन्होंने कहा कि
अगर सत्ता हासिल करने के लिए धनबल ही सहज उपाय होता तो सत्ता पर अमीर
व्यक्तियों का कब्जा होता।
ज्ञात रहे कि गुवाहाटी में आज आयोजित 7वीं क्षेत्रीय चुनाव सुधार सलाहकार
बैठक में सत्ताधारी कांग्रेस सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी हिस्सा
लिया तथा चुनाव आयोग को विभिन्न विषयों पर सलाह दिया।

सोमवार, 4 अप्रैल 2011

कांग्रेस ही है धर्मनिरपेक्ष-महेश भट्ट

महेश भट्ट ने की लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील
कांग्रेस ही है धर्मनिरपेक्ष-महेश भट्ट
गुवाहाटी,03 अप्रैल। जानेमाने फिल्म निर्देशक महेश भट्ट ने आज राज्य के लोगों से सत्ताधारी दल कांग्रेस को बार फिर से मौका देने की अपील की। कल होने वाले प्रथम चरण के चुनाव से एक दिन पहले आज यहां पहुंचे महेश भट्ट ने कहा कि महात्मा गांधी के आदर्शों वाली कांग्रेस पार्टी का मुख्य आदर्श धर्मनरपेक्षता है और प्रदेश के लोगों को इस पार्टी को वोट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता को दरकिनार नहीं किया जा सकता और पार्टी के इस विशेष गुण ने उन्हें यहां आकर लोगों से अपील करने की प्रेरणा मिली है।
आज यहां गुवाहाटी प्रेस क्लब में अलीगढ़ विश्वविद्यालय से जुड़े मिल्लत बेदारी मुहिम कमिटी के बैनर तले आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में महेश भट्ट ने लोगों से कांग्रेस के पक्ष में अपील करते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सच्चर आयोग का गठन किया था और इसका तोहफा लोगों को वोट देकर चुकाना चाहिए। जब उन्हें यह याद दिलाया गया कि सच्चर आयोग की सिपारिशें अभी लागू नहीं हुई हैं तो महेश भट्ट ने कहा कि कुछ तकनीकी कमियां रहीं होंगी लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि गरीबों और वंचितों की बेहतरी के लिए ही सच्चर आयोग का गठन किया गया था और निश्चित रूप से आने वाले दिनों में इसे लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हर दल में कुछ खामियां रहती हैं लेकिन यह सत्य है कि कांग्रेस पार्टी का ध्यान सभी वर्ग के लोगों पर रहता है। इस मौके पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए अलीगढ़ मुस्लीम मूवमेंट मैगजिन के संपादक और कारवांने बेदारी के संयोजक जसीम मुहम्मद ने ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में शफिकुल हक अल्पसंख्यक आयोग की सिफारिशों को लागू करने की घोषणा की है और खासकर प्रदेश के अल्पसंख्यकों को यह नहीं भूलना चाहिए कि पिछले कुछ वर्षों में राज्य व केन्द्र की सरकार ने अल्पसंख्यकों के विकास के लिए बहुत कुछ किया है। यहां तक कि प्रधानमंत्री ने राज्य के अल्पसंख्यकों के विकास के लिए 15 सूत्रीय विकास योजनाएं बनाई जिसका लाभ 11 जिलों के लोगों को मिल रहा है।

दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के लिए तैयार हुए भाजपा के रणबांकुरे

गुवाहाटी, 4 अप्रैल। प्रथम चरण का चुनाव संपन्न होने के साथ ही भाजपा ने दूसरे चरण के लिए अपने स्टार प्रचारकों को चुनावी प्रचार अभियान के मैदान में उतारना शुरू कर दिया है। पार्टी के वरिष्ठ अल्पसंख्यक नेता तथा सांसद शाहनवाज हुसैन मंगलवार से दुबारा प्रचार अभियान में कूदने जा रहें हैं। वहीं फिल्मी दुनिया की मशहूर हस्ती स्मृति ईरानी और शत्रुघ्न सिंहा भी कल से मतदाताओं को लुभाने के लिए विधानसभा क्षेत्रों में निकलने जा रहें हैं। वहीं 6 अप्रैल से पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह चुनावी प्रचार अभिायन का मोर्चा संभालेंगे। उसके बाद बारी है पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी तथा फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी की। वरुण 7 अप्रैल से 9 अप्रैल तक करीब आधे दर्जन चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। उनका कार्यक्रम फिलहाल होजाई, रंगिया और दिसपुर में तय किया है।
पार्टी नेताओं ने बताया कि दूसरा चरण का चुनाव पार्टी के लिए ज्यादा चुनौतियों से भरा है, जिसे देखते हुए लगभग सभी बड़े नेताओं का चुनावी कार्यक्रम बनाया गया है। उनका कहना था कि दूसरे चरण में पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी,गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी, सुषमा स्वराज,अरुण जेटली, नवजोत सिंह सिद्धू सहित तमाम बड़े नेताओं को चुनावी प्रचार के लिए बुलाया गया है। उन्होंने बताया कि चुंकि कांग्रेस राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को प्रचार के लिए बुला रहा है,जिसे देखते हुए उनकी पार्टी ने राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को चुनावी प्रचार के लिए बुलाया है।
इधर पार्टी के तीन स्टार प्रचारक फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिंहा, स्मृति ईरानी तथा शाहनवाज हुसैन गुवाहाटी पहुंच गए हैं। स्मृति कल से लामडिंग,होजाई,धुबड़ी और पलाशबाड़ी में चुनावी सभा करेंगे, जबकि शाहनवाज रूपोहीहाट, लाहोरीघाट तथा एआईयूडीएफ के गढ़ माने जा रहे यमुनामुख में अल्पसंख्यक मतदाताओं को कमल फूल के प्रति आकर्षित करेंगे।

गुरुवार, 17 मार्च 2011

रूठे रब को मनाना आसान है, रूठे वरुण को मनाना मुश्किल

गुवाहाटी,१७ मार्च। रूठे रब को मनाना आसान है, रूठे वरुण का
मनाना मुश्किल। भाजपा के नेता आजकल गाने के इस बोल को खूब
गुनगुना रहें हैं। हालांकि वे खुले तौर पर स्वीकार नहीं करते हैं कि वरुण
नाराज हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि फायर ब्रांड नेता वरुण असम भाजपा पर
फायर हो गए हैं। वे मानने के लिए तैयार नहीं हैं। चुनाव समिति की
बैठक में पार्टी नेतृत्व के सामने साफ तौर पर असम चुनाव में प्रचार न
करने की धमकी दे चुके वरुण को मनाने में भाजपा नेताओं के पसीने
छूट रहें हैं। लेकिन अब साफ होता जा रहा है कि वरुण की नाराजगी कम
होने वाली नहीं है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि वरुण ने चुनाव प्रचार के लिए
आने से मना कर दिया है। वे चुनाव प्रभारी के रूप में नहीं बल्कि व्यक्तिगत
तौर पर सिर्फ एक प्रत्याशी के विधानसभा चुनाव में प्रचार करेंगे।
इधर पार्टी के नेताओं को पार्टी के चुनाव प्रभारी वरुण गांधी की भूमिका
और उनकी चुप्पी के बारे में मीडिया द्वारा पूछे जा रहे सवालों ने
परेशान कर रखा है। नेतागण किसी तरह से वरुण की शादी की बातों को
उठाकर बचने का प्रयास करते हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि जल्द ही वरुण
की नाराजगी खुल कर सामने आ जाएगी। ऐसा कहा जा रहा है कि टिकट
वितरण में हुई गडबड से वरुण पूरी तरह आहत हैं। उनका कहना है कि
उन्होंने आम कार्यकर्त्ताओं से उनके मन मुताबिक उम्मीदवार देने का
वायदा किया था और जब उसे पूरा न कर सके तो किस मुंह से उनके पास
जाएंगे।
बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा सांसद प्रकाश जावडेकर से यह
पूछे जाने पर कि वरुण नाराज क्यों हैं तो उन्होंने यह कह कर सवालों को
हल्का करने की कोशिश की कि वरुण हनीमून मना रहें हैं। उसी तरह से
आज जब विजय गोयल ने स्टार प्रचारकों की सूची घोषित की तो
संवाददाताओं ने उनसे पूछ डाले कि इसमें चुनाव प्रभारी का नाम क्यों नहीं
है तो गोयल ने कहा कि उनकी अभी-अभी शादी हुई है। हमें इतना कठोर
नहीं होना चाहिए।
हालांकि पार्टी के लिए आज यह एक अच्छी खबर रही कि कथित रूप से
टिकटों के वितरण में हुई उपेक्षा से नाराज नगांव के सांसद राजेन
गोहांई आज मान गए। पार्टी के मीडिया संयोजक मनोज सिंह ने सूचना दी
कि राजेन गोहांई शुक्रवार से चुनाव प्रचार करने में जुट जाएंगे। इससे
पहले विजय गोयल ने किसी भी सांसद की नाराजगी की खबरों का खंडन
किया था। हालांकि मंगलदै के सांसद रमेन डेका आज भी अपनी भडास
निकालते देखे गए।

बुधवार, 16 मार्च 2011

फिल्म दबंग की कलमुही ने प्रदेश भाजपा का मुह कर दिया लाल

गुवाहाटी,१६ मार्च।फिल्म दबंग की कलमुही (रज्जू) को वालीवुड के
खामोश मैन ने बच्ची कह कर प्रदेश भाजपा के दबंगई करने की चाहत पर
पानी फेर दिया है।दरअसल फिल्म दबंग के चुलबुल पांडेय (सलमान खान) की
हिरोईन सोनाक्षी को प्रदेश भाजपा चुनावी सभा में बुलाकर दबंगई करने
के प्रयास में थी,लेकिन पार्टी के ही नेता शाटगन शत्रुघ्न सिंहा ने सोनाक्षी
को बच्ची कह कर भाजपा को करारा झटका दे दिया है। सोनाक्षी के
बहाने प्रदेश के युवा मतदाताओं को लुभाने में जुटी प्रदेश भाजपा को
बिहारी बाबू ने कहा है कि बेटी सोनाक्षी अभी बच्ची है। हम सबको उसके
कैरियर की चिंता करनी चाहिए। प्रदेश भाजपा के नेताओं ने सोनाक्षी के
चुनावी सभा करने के मुद्दे पर बताया कि शत्रुघ्न सिंहा ने सोनाक्षी को सभा
करने से मना करते हुए कहा है, मैं हूं न। यानि बिहारी बाबू का कहना
था कि सोनाक्षी की उम्र और समय राजनीति के बारे में सोंचना नहीं बल्कि
सिर्फ और सिर्फ कैरियर के बारे में सोंचना है। पार्टी नेताओं ने
बताया कि सोनाक्षी के बारे में संपर्क करने पर शत्रुघ्न सिंहा ने चुटकी
लेते हुए कहा कि उन्हें असक्षम न माना जाए। उनका क्रेज खत्म नहीं हुआ है।
वे भीड जुटाने और युवाओं को पार्टी की ओर आकर्षित कर विरोधी
दलों को खामोश करने की कूबत रखते हैं।जब नहीं सकेंगे तो नई पीढी
को आगे का काम करने के लिए सौंपा जाएगा। इस संबंध में एक
राष्ट्रीय नेता ने बताया कि शत्रुघ्न सिंहा ने साफ तौर पर सोनाक्षी के आने
से माना नहीं किया है। अभी समय है और सोनाक्षी को अपने कैरियर से
संबंधित कार्यों से समय मिलेगा तो जरुर आएंगी।

शुक्रवार, 11 मार्च 2011

नीरज
गोगोई को को हैट्रिक बनाने से रोकने के लिए मैदान में उतरेंगे छह सीएम
गुवाहाटी,12 मार्च। मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की सरकार को हैट्रिक
बनाने से रोकने के लिए भाजपा अपने छह मुख्यमंत्रियों को असम विधान
सभा के चुनावी अभियान में उतारने जा रही है। यह सभी मुख्यमंत्री अपने राज्य
में हुए विकास का खांका मतदाताओं के सामने रख कर बताने का प्रयास
करेंगे कि आखिर किस प्रकार इन राज्यों में सत्ता बदलने के बाद विकास की
बयार बही है। इन सभी मुख्यमंत्रियों में पार्टी की प्राथमिकता बिहार के
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा झारखंड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा है।
पार्टी इन दोनो पडोसी राज्य के मुख्यमंत्री को स्टार प्रचारक के रूप
में प्रदेश के मतदाताओं के सामने पेश करने जा रही है। पार्टी के
नेताओं का मानना है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार न केवल हिन्दीउतारने जा रही है।
पार्टी की योजना है कि मुख्यमंत्री नीतिश और
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी प्रदेश के २० से २२ हिन्दी भाषी बहुल विधानसभा
क्षेत्रों में जम कर प्रचार करें तो अर्जुन मुंडा को ४० से ४५ चाय जनजाति
बहुल विधानसभा क्षेत्रों में उतारा जाए। पार्टी कुछ अन्य आदिवासी नेताओं
को यहां प्रचारक के रूप में उताने पर विचार कर रही है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि आज नई दिल्ली में पार्टी पदाधिकारियों की एक
बैठक हुई जिसमें इन बातों पर गंभीरता से विचार हुई। बैठक में चुनाव
प्रचार अभियान से जुडे नेताओं ने पार्टी नेताओं के सामने प्रस्ताव रखा कि
सभी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री को यहां चुनावी अभियान में उतारा
जाए। जिसमें बिहार और झारखंड के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी
का नाम प्रमुखता से लिया गया। सूत्रों के अनुसार पार्टी नेतृत्व नें प्रदेश
भाजपा को प्रचार अभियान के लिए पूरी सूची भेजने का निर्देश दिया है।
इधर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता तपन चौधरी ने बताया कि सातों भाजपा शासित
राज्यों के मुख्यमंत्री और एक उपमुख्यमंत्री के साथ एक दर्जन से अधिक
सांसद व वरिष्ठ नेताओं के साथ हेमा मालिनी, स्मृति ईरानी और नवजोत
सिंह सिद्धू मुख्य प्रचारक होंगे। उन्होंने बताया कि संभवतः अगले सप्ताह से
प्रचार अभियान शुरू हो जाएगा।
भाषी मतदाताओं को भाजपा की ओर आकर्षित करने में सफल होंगे बल्कि
बिहार में हुए बदलाव के लिए वे असमिया भाषी मतदाताओं को भी लुभा
पाएंगे। वहीं अर्जुन मुंडा को भाजपा आदिवासी मतों को ध्यान में रख कर

मोदी फैक्टर में फिर फंसी भाजपा

मोदी फैक्टर में फिर फंसी भाजपा
गुवाहाटी,१२ मार्च। बिहार में तो नीतीश कुमार अड गए थे, लेकिन असम में भाजपा का ही एक धडा विरोध के स्वर बोलने लगा है। चुनाव समिति में यह चर्चा जोर पकड रही है कि बिहार से सीख लेते हुए नरेन्द्र मोदी को यहां नहीं लाया जाए। ताकि पार्टी को बिहार का परिणाम यहां हासिल करने में सफलता मिल सके। बिहार के चुनाव परिणाम से उत्साहित भाजपा के नेताओं को लगता है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के न बुलाने से अल्पसंख्यक वोट मिल पाएगा। वहीं दूसरे धडा का मानना है कि हिन्दूवादी छवि वाले नरेन्द्र मोदी हिन्दू मतों को बढाने में सहायक होंगे। साथ ही वे एक विकास पुरुष के रूप में प्रदेश के मतदाताओं के सामने पार्टी की एक विकास परक छवि को पेश कर सकेंगे। इस धडे का यह भी मानना है कि यदि नरेन्द्र मोदी चुनावी प्रचार में उतरते हैं तो वे बंटे हुए हिन्दू मतदाताओं को प्रभावित कर पाएंगे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना था कि नरेन्द्र मोदी खासकर युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं और विकास की राह देख रहें प्रदेश के युवाओं को वे आकर्षित कर पाएंगे। क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी की सभा में काफी भीड उमरती थी और इस भीड में अधिकांश युवा शामिल थे।इस संबंध में संघ से जुडे एक नेता से यह पूछने पर कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में उतारना क्या आत्म घाती नहीं होगा तो उनका कहना था कि इस प्रदेश में सिर्फ नरेन्द्र मोदी जैसे नेताओं की जरुरत है। ताकि हिन्दूवाद को जगाया जा सके। उनका यह भी कहना था कि बंग्लादेशी घुसपैठ,सत्रों की जमीन पर घुसपैठियों का कब्जा, खुली सीमा, ईसाई मिशनरियों का बढता प्रभाव और मतदाता सूची और जनसंख्या में आश्चर्यजनक बढोत्तरी इस प्रदेश पर आने वाले संकट की ओर इशारा करता है और यदि भाजपा अल्पसंख्यक मतों के पीछे दौडती है तो यह कदम उनके लिए आत्मघाती बन जाएगा। उनका कहना था कि बिहार की कहानी कुछ और थी और वहां पार्टी की जीत इसलिए नहीं हुई कि नरेन्द्र मोदी नहीं गए , बल्कि सचाई यह है कि मोदी के न जाने से वोटों में और इजाफा होता।

शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2011

पत्रकारों को लैपटाप दिए जाने कि असम सरकार की घोषणा पर बबाल
पत्रकारों को लैपटाप दिए जाने कि असम सरकार की घोषणा पर बबाल असम के मुख्थमंत्री तरूण गोगोई द्वारा विधानसभा चुनाव से ऐन पहले पत्रकारों को लेपटाप दिए जाने की घोषणा को लेकर राजनीतिक बवाल शुरू हो गथा है।पहले तो पत्रकारों के बीच इसको लेकर घमासान मची थी अब भारतीय जनता पार्टो लैपटाप बाटने की घोषणा को चुनावी मुनाफे से जो.ड दिया है। असम रंदेश भाजपा के प्रभारी विजय गोयल ने कहा है कि चुनाव से पहले पत्रकारों को लालीपाप दिखाने का मतलब चुनावी मुनाफे से जुडा हुआ है। गोयल ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि लैपटाप देने की घोषणा ऐन चुनाव के पहले क्यों की गई। भाजपा नेता ने सवाल किया है कि यदि राज्य सरकार पत्रकारों के प्रति इतनी हमदर्द है तो पत्रकारों की भलाई के लिए गठित मणिसेना आयोग की सिफारिशों को अब तक क्यों नहों लागू किया गया । गोयल ने थह भी कहा है कि सरकार ने वरिष्ट पत्रकारों को ही लैपटाप देने की बात कही है, जबिक होना यह चाहिए की जो लोग नए हैं उन्हें दिया जाए। कारण कि नए लोगों में से ज्यादातर पत्रकार लैपटाप खरीदने में सक्षम नहों होते हैं। बताते चलें कि मुख्थ मंत्री तरूण गोगोई समथ-समथ पर पत्रकारों को लुभाने के लिए इस तरह की घोषणा करते रहते हैं। पिछले वर्षो में पत्रकारों को जमीन और मकान तक दिए जाने की घोषणा की जा चुकी है।

सोमवार, 14 फ़रवरी 2011

फर्जी कंपनियां बना कर पनबिजली परियोजना की राशि लूट रहें हैं नेता

फर्जी कंपनियां बना कर पनबिजली परियोजना की राशि लूट रहें हैं नेता

गुवाहाटी,१४ फरवरी। अरुणाचल में चल रही पनबिजली परियोजना में करीब
चार लाख करोड रुपए की हेराफेरी होने का आरोप लगाते हुए भारतीय
जनता पार्टी ने कहा है कि इससे दूसरा २ जी एस्पेक्ट्रम बनने नहीं दिया
जाएगा। पार्टी ने कहा है कि या तो हेराफेरी करने वालों को पकडा
जाएगा या फिर परियोजना बंद करवा दी जाएगी।
आज यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय सचिव
किरीट सोमैया ने कहा कि अरुणाचल की पनबिजली परियोजना कांग्रेस
पार्टी के लिए लूट का एक खजाना बन गया है। दिल्ली और अरुणाचल से
लेकर असम के मंत्री परियोजना के नाम पर देश का खजाना लूट रहें हैं।
क्योंकि ज्यादातर कार्य फर्जी कंपनियां बना कर मंत्रियों के परिजनों को
दिया गया है।
उन्होंने बताया कि परियोजना के तहत बहुत सारी अनियमितताएं हैं लेकिन
जिस प्रकार बेनामी और फर्जी कंपनियों को ठेका दिया गया, वही साबित
कर देता है कि सरकार में बैठे लोग पूरे धन को लूट रहें हैं।
उन्होंने बताया कि जिन कंपनियों को ठेका दिया गया है उसमें से खासकर
अरुणाचल प्रदेश मेगा पावर प्रोजेक्ट्‌स प्राइवेट लि. अरुणाचल के मुख्यमंत्री
दोरजी खांडू की पत्नी के नाम पर है जबकि मीना इंट्रेड एंड
इंजीनियरिंग प्राइवेट लि. कांग्रेस के एक विधायक का है। इन दोनों
कंपनी के पास किसी प्रकार का अनुभव नहीं है और न ही कोई ढांचागत
व वित्तीय सुविधाएं। उन्होंने बताया कि अरुणाचल प्रदेश मेंगा पावर प्रोजेक्ट्‌स
लि. का गठन १९ जून २००९ को किया गया था और मात्र दो महीने के बाद
यानि १० अगस्त २००९ को चार सौ करोड रुपए का कार्य सौंप दिया गया।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार असम की पटकाई इंजीनियरिंग प्राइवेट लि.
और टफ इनर्जी प्राइवेट लि. को गठन करने के क्रमशः एक और तीन
महीने के बाद ही करोडों का काम सौंप दिया गया।महाराष्ट्र से संबंध रखने वाले किरीट सोमैया ने बताया कि सबसे सबसे
संदेहास्पद कार्य पटेल टूर्स एंड ट्रेवेल्स प्राइवेट लि. नामक मुंबई
एक छोटी सी ट्रेवल कंपनी को दो परियोजनाओं का कार्य सौंपा
जाना है। क्योंकि मात्र एक लाख रुपए की पूंजी वाली इस कंपनी के पास
ऊर्जा या ढांचागत निर्माण से जुडे किसी भी कार्य का अनुभव नहीं था।
उन्होंने बताया कि इस कंपनी का कार्यालय मुंबई के अंधरी में मात्र दो
सौ वर्गमीटर में है और इस ट्रेवल कंपनी को बिजली परियोजना का
कार्य दिया जाना अपने आप में साबित करता है कि किसानों और स्थानीय
निवासियों के अहित में बनने वाली इस परियोजना में लूट मची हुई है।
भाजपा नेता ने बताया कि योजना के तहत आने वाले परिवहन खर्च को पांच
किलोमीटर की दूरी को ३५ किलोमीटर बताया जा रहा हैऔर सीएजी
की रिपोर्ट में इसका खुलासा हो जाएगा। नीरजझा/१४ जनवरी/२०११
पूर्वोत्तर के घोटालों से गूंजेगा संसद का बजट सत्र
गुवाहाटी, (ईएमएस)। इस बार संसद का बजट सत्र असम और पूर्वोत्तर के
घोटालों से गुंज उठेगा। भारतीय जनता पार्टी ने असम से राज्यसभा सदस्य
मनमोहन सिंह की सरकार को असम सहित पूर्वोत्तर के राज्यों में हुए
घोटालों को लेकर को घेरने की रणनीति तैयार की है।
पार्टी के सचिव किरीट सोमेैया ने बताया कि उनकी पार्टी चाहेगी कि
सरकार पूर्वोत्तर के राज्यों में हुए घोटालों पर बहस करे। उन्होंने कहा
कि अरुणाचल की पनबिजली परियोजना से लेकर असम के एनसी हिल्स और
पीडीएस सहित कोई ५० परियोजनाओं की चार लाख ६३ हजार करोड रुपए
यहां के पांच राज्यों की सरकारों ने बंदरबांट किया है।
पूर्वोत्तर के राज्यों में चल रही केन्द्रीय योजनाओं में हो रहे घोटालों
की विस्तृत रिपोर्ट संवाददाताओं के सामने रखते हुए भाजपा नेता ने कहा
कि संसद में नेता प्रतिपक्ष तथा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने उन्हें
भरोसा दिलाया है कि वे बजट सत्र में इस रिपोर्ट को संसद के सामने रख
कर इस मुद्दे पर बहस कराने की मांग सरकार से करेगें।
इससे पहले भाजपा सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह असम से राज्यसभा
में पहुंचे हैं और इस नाते उनका ज्यादा दायित्व बनता है कि वे प्रदेश की
जनता के विकास के लिए आई राशि को लूटने वालों का पर्दाफाश करने
के लिए विशेष जांच करवाएं। उन्होंने सर्चोच्चय न्यायालय से मांग की है
कि वे स्वतः संज्ञान लेते हुए पूर्वोत्तर के राज्यों में हुए घोटालों की
जांच के लिए एक विशेष कोर्ट का गठन करे।इससे पहले भाजपा सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह असम से राज्यसभा
में पहुंचे हैं और इस नाते उनका ज्यादा दायित्व बनता है कि वे प्रदेश की
जनता के विकास के लिए आई राशि को लूटने वालों का पर्दाफाश करने
के लिए विशेष जांच करवाएं। उन्होंने सर्चोच्चय न्यायालय से मांग की है
कि वे स्वतः संज्ञान लेते हुए पूर्वोत्तर के राज्यों में हुए घोटालों की
जांच के लिए एक विशेष कोर्ट का गठन करे।
भाजपा सचिव ने प्रदेश में पीडीएस तथा मनरेगा का सारा धन कांग्रेसी नेताओं
के हाथों में जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पीडीएस का आनाज
उठाने एफसीआई के गोदामों में से उठाने का ठेका कांग्रेस के
नेताओं के परिजनों के नाम पर है और पीडीएस का सारा आनाज गरीबों
के घर न जा कर बाजारों में पहुंच रहा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा है कि एनसी हिल्स के घोटाले में फंसे आरएच
खान के घर की दिवारों से रुपए निकलने के बावजूद उस घटना की जांच
क्यों नहीं की जा रही है और इस घोटाले में फंसे सात नेताओं पर
कार्रवाई क्यों नहीं कि गई। सोमैया ने कहा कि प्रधानमंत्री और यूपीए
अध्यक्ष भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने की बात करते हैं तो सबसे पहले उन्हें यहां
होने जा रहे विधानसभा चुनाव में उन सातो मंत्रियों को टिकट देने से
रोकना चाहिए। पूर्वोत्तर के घोटालों से
भाजपा नेता ने पूर्वोत्तर के घोटालों को लेकर सुप्रिम कोर्ट का
दरवाजा शीघ्र खटखटाने की बात कहते हुए कहा कि इससे पहले पूरी
रिपोर्ट राष्ट्रपति और अन्य विभिन्न एजेंसियों को सोंपी जाएगी।
मालूम हो कि भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने पूर्वोत्तर के राज्यों में चल
रही योजनाओं की रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक तीन सदस्यीय समिति
का गटन किया था। जिसमें किरीट सोमैया के साथ पार्टी की उपाध्यक्ष तथा
गुवाहाटी की सांसद के साथ अरुणाचल के पूर्व सांसद तापिर गाव शामिल थे।
नीरजझा/ १४ फरवरी/२०११