मंगलवार, 28 जून 2011

जेल में बंद आरटीआईकर्मी अखिल के समर्थन में उतरा अखिल असम ग्रामीण कृषक संस्था
गुवाहाटी,29 जून।अखिल असम ग्रामीण कृषक संस्था ने कृषक मुक्ति संग्रामसमिति के नेता तथा आरटीआई कर्मी अखिल गोगोई पर सरकार द्वारा किएजा रहे कथित अत्याचार के खिलाफ सडक पर उतरने का फैसला किया है।संस्था अखिल की बिना शर्त रिहाई की मांग को लेकर अगले १० जुलाई से२० जुलाई के बीच धरना-प्रदर्शन करेगी जबकि ९ अगस्त को जेल भरोआंदोलन करेगा।आज यहां गुवाहाटी प्रेस क्लब में संवाददाताओं को संबोधित करते हुएसंगठन के अध्यक्ष राजीव दत्त तथा महासचिव अरूप कुमार महंत ने कहा किमुख्यमंत्री तरुण गोगोई की सरकार से गणतंत्र को खतरा हो गया है।सरकार की दमनकारी नीतियों को मजबूति से जवाब दिया जाएगा। उन्होंनेकहा कि यदि अखिल की बिना शर्त रिहाई,दिसपुर कांड की न्यायिक जांच,कामरूप नगर जिला पुलिस अधीक्षक की बर्खास्तगी नहीं की जाती है तो उनकासंगठन पूरे राज्य में अनवरत आंदोलन छेड देगा।श्री महंत ने कहा कि सिर्फ अखिल की ही बात नहीं है। सरकार के खिलाफबोलने वाले हर व्यक्ति को सरकार झूठे मुकदमें में फंसा कर जेल में बंदकर देती है। उन्होंने बताया १० दिन पहले सिलचर में हैदर हुसैन नामक एकव्यक्ति को झूठे मुकदमा में फंसा कर जेल भेज दिया गया। क्योंकि वहआशा कर्मियों को लेकर एक संस्था बनाया थाऔर यह संस्था स्वास्थ्य विभागको पच नहीं रहा था।

शुक्रवार, 24 जून 2011

प्रेस क्लब परिसर से अखिल की गिरफ़्तारी पर गुवाहाटी प्रेस क्लब नाराज

प्रेस क्लब परिसर से अखिल की गिरफ़्तारी पर गुवाहाटी प्रेस क्लब नाराज
गुवाहाटी प्रेस क्लब से आरटीआईकर्मी तथा किसान नेता अखिल गोगोई की गिरफ़्तारी पर गुवाहाटी प्रेस क्लब ने नाराजगी जताई है . क्लब ने मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को पत्र लिख कर कहा है की प्रेस क्लब का काम किसी को कानून प्रक्रिया से बचाना नहीं है. लेकिन प्रेस क्लब से परिसर के बदले अखिल को परिसर के बाहर निकलने पर गिरफ्तार किया जाना चाहिए था. क्लब के सचिव नव ठाकुरिया ने मुख्यमंत्री से कहा है जिस तरह से बीच संबाददाता सम्मलेन को बाधित कर पुलिस अखिल को गिरफ्तार की वह ठीक नहीं है. क्योंकि इससे न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन हुआ बल्कि प्रेस क्लब की शांति और मर्यादा को नुकसान पंहुचा है. ठाकुरिया ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री को कहा है पुलिस के कारण संबाददताओं को भारी परेशानी झेलनी पड़ी . उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा है की आखिर अखिल को प्रेस क्लब से निकलने के बाद गेट पर गिरफ्तार करने से पुलिस को क्या नुकसान हो जाता . उन्होंने मुख्यमंत्री से भविष्य में इस तरह की घटना को रोकने के लिए कदम उठाने की मांग की है. गुवाहाटी से नीरज झा की रिपोर्ट

गुरुवार, 23 जून 2011

दिसपुर घटना के पीछे सरकारी साजिश
गुवाहाटी,२३ जून। बुधवार को हुए हिंसक प्रदर्शन की भर्त्सना करते हुए
गुवाहाटी माटी पट्टाकरण संग्राम समिति ने कहा है कि इस घटना के पीछे एक
गंभीर साजिश है। संगठन ने इस साजिश में राज्य सरकार के शामिल होने की
आशंका भी जताई है। संगठन का मानना है कि मामले की दिशा को बदल देने के
लिए सरकार घटना को प्रश्रय दे सकती है।
आज यहां गुवाहाटी प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में समिति
के अध्यक्ष प्रणव गोस्वामी तथा सचिव प्रवीण ज्योति कलिता ने घटना को
लेकर कृषक मुक्ति संग्राम समिति के नेता अखिल गोगोई की कडी निंदा की।
वहीं इस पूरे घटनाक्रम के पीछे सरकारी साजिश की आशंका भी व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि अखिल गोगोई ने पूरे मामले को एक दूसरे तरफ मोड दिया है
और संभव है कि इसमे सरकार की भी साजिश हो। उन्होंने कहा कि उनका संगठन
करीब दो दशकों से माटी पट्टा की मांग को लेकर गणतांत्रिक तरीके से आंदोलन
कर रहा है लेकिन बुधवार को जो कुछ भी हुआ वह इस मांग के मायने को बदल
दिया है। श्री गोस्वामी ने कहा कि अब सरकार भूमि हिनों को जमीन देने की
बात कह कर माटी पट्टा की मांग का दबाने की कोशिश में जुट गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार के पास कोई भूमि नीति नही है और यही कारण रहा कि
कुछ संगठनों के बहकावे में आकर लोग प्रदर्शन के दौरान हिंसक हो गए। उनका
यह भी कहना था कि प्रदर्शन करने वाला संगठन असंगठित लोगों को लेकर
प्रदर्शन कर रहे थे जिसके कारण उनका नियंत्रण नहीं रहा और ऐसे लोग जो
हिंसक घटनाओं को बढावा दे रहें हों वे कैसे समाज के लोगों का नेतृत्व दे
सकते हैं।
श्री गोस्वामी ने सरकार से एक भूमि नीति तय करने की मांग करते हुए कहा
कि सरकार जब चाहती है तब किसी को जमीन आवंटित कर देती है और जब चाहती है
तो हटाना शुरू कर देती है। उनका कहना था कि नगर में कृत्रिम बाढ का
कारण सरकार पहाडों का अतिक्रमण बता रही है जबकि सच्चाई यह है कि तलाबो और
जलाशयों को आवंटित कर देने के कारण जलमाव हो रहा है। उन्होंने यहां कहा
कि हितेश्वर सइकिया के जमाने में सबसे पहले मणि कुमार सुब्बा और केसी दास
कामर्स कालेज को जलाशय की जमीन देने की शुरूआत हुई थी जो अब तक चल रही है
और जब तक इससे रोका नहीं जाएगा तब तक कृत्रिम बाढ की समस्या खत्म नहीं
होगी। नीरजझा/२३ जून/२०११

सोमवार, 13 जून 2011

अपराधियों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए बनेगा सख्त कानून

अपराधियों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए बनेगा सख्त कानून
गुवाहाटी,12 जून, (नीरजझा)। केंद्रीय कानून मंत्री एम वीरप्पा मोईली ने
कहा है कि अपराधियों को चुनाव प्रक्रिया में प्रवेश से रोक लगाने के लिए
सख्त कानून बनाया जाएगा। अपराधियों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए सख्त
कानून की जरुरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि देश की लोकतांत्रिक
व्यवस्था को स्वच्छ बनाने के लिए चुनाव सुधार की जरुरत है।
नगर के नेडफि हाउस सभागार में आयोजित 7 वीं क्षेत्रीय चुनाव सुधार
सलाहकार बैठक में भाग लेते हुए श्री मोईली ने कहा कि कानून मंत्रालय और
चुनाव आयोग ने संयुक्त रूप से इस विषय पर पहल की है तथा चुनाव प्रक्रिया
को स्वच्छ बनाए जाने के लिए की जा रही पहल का अच्छा नतीजा निकलेगा।
उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में अपराधियों के प्रवेश पर रोक के लिए
कई उपायों पर सोच-विचार जारी है। उन्होंने चुनाव में काले धन का प्रयोग,
एक से अधिक क्षेत्रों से चुनाव लड़ने की छुट पर रोक, मतदान से 48 घंटा
पूर्व प्रचार-प्रसार पर रोक जिसमें समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित
करने तथा घर-घर जाकर प्रचार करने पर रोक लगाने और चुनाव खर्च को लेकर गलत
तथ्य दाखिल करनेवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस अवसर पर बोलते हुए भारतीय निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त
डा.एसवाई कुरैशी ने भी अपने भाषण प्रसंग पर मोईली की कही बातों पर बल
दिया तथा राजनीतिक क्षेत्र में अपराधियों के प्रवेश पर हर हालत में रोक
लगाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जिस समय पूरे विश्व में भारतवर्ष की
लोकतंत्र की सफलता की चर्चा है ठीक उसी समय सत्ता के गलियारों में
आपराधिक पृष्ठभूमिवाले लोगों को देख हमारी आंखें शर्म से झुक जाती है। इस
विषय पर गंभीरता से पहल होनी चाहिए।
बाद में संवाददाताओं से हुई बातचीत के दौरान डा. कुरैशी ने कहा कि इवीएम
की विश्वसनीयता पर असम और हरियाणा के दो राजनीतिक दलों से मिली शिकायत के
आधार पर चुनाव आयोग देश के 200 चुनाव क्षेत्रों पर परीक्षात्मक चुनाव
कराने का फैसला लिया गया है। इस इवीएम में मतदान के बाद मतदाता को एक
वोटर स्लिप मिलेगा जिसमें उसने कहां, किसको, कितने बजे, कितनी तारिख को
मतदान किया सभी बातों का उल्लेख रहेगा। इससे पहले आगामी 4 अक्टूबर को नई
दिल्ली में इवीएम संदर्भ में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा जिसमें
विभिन्न राजनीतिक दलों को भी आमंत्रित किया जाएगा। डी वोटर मुद्दे पर
पूछे एक सवाल के जवाब में डा. कुरैशी ने कहा कि इस पर अंतिम फैसला
ट्रिब्यूनल को ही लेने का हक है।
बैठक में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया
को स्वच्छ बनाने के लिए चार्जशीट किए गए उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने नहीं
दिया जाना चाहिए। श्री गोगोई ने कहा कि मतदाता अब अधिक सचेत हो गए हैं
तथा किसे मत देना है और किसे नहीं यह खुद तय करते हैं। उन्होंने कहा कि
अगर सत्ता हासिल करने के लिए धनबल ही सहज उपाय होता तो सत्ता पर अमीर
व्यक्तियों का कब्जा होता।
ज्ञात रहे कि गुवाहाटी में आज आयोजित 7वीं क्षेत्रीय चुनाव सुधार सलाहकार
बैठक में सत्ताधारी कांग्रेस सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी हिस्सा
लिया तथा चुनाव आयोग को विभिन्न विषयों पर सलाह दिया।